“इस संसाधन पुनर्वितरण के परिमाण पर एक सटीक आंकड़ा डालना मुश्किल है, लेकिन बिटकॉइन हैश दर सितंबर में विलय के पूरा होने के तुरंत बाद 220 EH/s से 250 EH/s तक तेजी से बढ़ी।”

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार बनाए नए नियम: एडवोकेट पीएम मिश्रा

क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है।

क्रिप्टोकरेंसी हाल के वर्षों में एक वैश्विक घटना बन गई है, हालांकि इस विकसित तकनीक के बारे में अभी भी बहुत कुछ सीखा जाना बाकी है। प्रौद्योगिकी और पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों को बाधित करने की क्षमता को लेकर चिंताए हैं।

हमसे अकसर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पूछा जाता है, क्या वो सोने के लिए संभावित प्रतिस्थापन का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसकी क्या भूमका है। यदि कोई हो, तो बिटकॉइन को एक पोर्टफोलियो में खेलना चाहिए और बिटकॉइन को विनियमित करना कितना आसान है, क्रिप्टो गोल्ड और कैश लेनदेन की तुलना करें।

डेक्कन क्रॉनिकल में 12 जून,2018 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार भारत में मांग के एक तिहाई से अधिक सोने की तस्करी, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है। यह संभावित रूप से केंद्र सरकार को $ 1.3 बिलियन का राजस्व नुकसान का कारण बनता है। आधिकारिक आयात में लगभग 50 प्रतिशत की कमी हुई है, जबकि सोने की तस्करी 2018 से बढ़ रही है 2021 के बारे में सोचिएं। कुछ टैक्स से बचने के लिए। कल्पना कीजिए कि सरकार द्वारा इतनी सावधानी बरतने के बाद भी हमारे देश में सोने की तस्करी जारी है।

भारत में मनी लॉन्ड्रिंग को हवाला लेनदेन के नाम से जाना जाता है। 1990 के दशक की शुरुआत में इसे लोकप्रियता मिली जब कई राजनेता इसके जाल में फंस गए। हवाला एक वैकल्पिक या समानांतर प्रेषण प्रणाली है। "हवाला" एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है किसी तीसरे व्यक्ति का उपयोग करके दो व्यक्तियों के बीच धन या जानकारी का हस्तांतरण। यह प्रणाली अरबी व्यापारियों को लूट से बचने के साधन के रूप में बताती है। यह कई शताब्दियों तक पश्चिमी बैंकिंग की भविष्यवाणी करता क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? है।

हवाला तंत्र ने काले से सफेद में धन के रूपांतरण की सुविधा प्रदान की। काले धन से तात्पर्य अर्जित धन से है, जिस पर आय और अन्य करों का भुगतान नहीं किया गया है। अवैध रूप से व्यापार किए गए सामान या सेवाओं के माध्यम से काला धन अर्जित किया जाता है। मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में कल्पना से परे है।

पूरी दुनिया और भारत सरकार इन लेनदेन को विनियमित करने के लिए इतना खर्च करती है, मुझे लगता है कि भारत में हाल ही में नोटबंदी को कोई नहीं भूल पाया है।

एडवोकेट मिश्रा बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो मुद्रा के अनुसार गोल्ड और कैश की तुलना को विनियमित करना बिल्कुल आसान है। उन्होंने कहा, एक तरफ, क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से नाम रहित है। दूसरी ओर, यह पूरी तरह से पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य है। इसका अर्थ नामरहित में है, लेकिन उसके पते में अपनी पहचान के बारे में कुछ भी बताए बिना एक क्रिप्टो पते को आप पकड़ सकते हैं। एक व्यक्ति कई पते रख सकता है, और सिद्धांत रूप में, उन पते को एक साथ जोड़ने, या इंगित करने के लिए कुछ भी नहीं होगा कि व्यक्ति उनके स्वामित्व में है।

आभासी मुद्रा भेजना और प्राप्त करना छद्म नाम के तहत लिखने जैसा है। यदि किसी लेखक का छद्म नाम कभी उनकी पहचान से जुड़ा होता है, तो उस छद्म नाम के तहत उन्होंने जो कुछ भी लिखा है, वह उनसे जुड़ा होगा। बिटकॉइन लेनदेन इतिहास के साथ ग्राहक डेटा से मेल खाने वाले उपकरणों के साथ पास पर आपराधिक गतिविधि हो सकती है। इससे उच्च-जोखिम वाले ग्राहकों की पहचान करना आसान हो सकता है, एएमएल अनुपालन बना रहेगा, और क्रिप्टो मनी लांड्रिंग से जुड़े तनाव से बच सकते हैं।

क्रिप्टो धोखाधड़ी से साधारण नागरिक को बचाने के लिए और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि क्रिप्टो को रोकने के लिए, भारत को जल्दी से निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए -
1. केवल एक बैंक को क्रिप्टो मुद्रा से निपटने की अनुमति दें।
2. भारतीय आईपी का उपयोग करके सभी वॉलेट पते को ट्रैक करने के लिए युवा और साइबर टीम की नियुक्ति करें, उन्हें स्थान तक ट्रेस करें।
3. कुछ ISP को क्रिप्टो एक्सचेंज आईपी की अनुमति दें, ताकि इसे ट्रैक करना आसान हो जाए।
4. क्रिप्टो कस्टडी सेवा के लिए अतिरिक्त कर का शुल्क।
5. क्रिप्टो बीमा कंपनी को शामिल करें।
6. लिमिट क्रिप्टो होल्डिंग व्यक्ति या कंपनी के आईटीआर पर निर्भर करती है।
7. सख्त क्रिप्टोकरेंसी के साथ-साथ क्रिप्टो ट्रांजेक्शन ओवरसीज को सीमित करें।
8. इश्यू लाइसेंस व्यक्तिगत व्यापारी, जो व्यापार करना चाहते हैं।
9. एक्सचेंजों को लाइसेंस जारी करना।

एडवोकेट पी एम मिश्रा ने बताया, मैं वर्तमान सरकार की क्रिप्टो रेगुलेटरी दृष्टिकोण के बारे में बहुत सकारात्मक हूं और मैं यह देखना चाहूंगा कि भारत को क्रिप्टो करेंसी दौड़ जीतनी चाहिए क्योंकि क्रिप्टो डिजिटल गोल्ड के अलावा कुछ भी नहीं है।

केंद्र के फैसले से बिटकॉइन बोल्ड: दुनिया में क्रिप्टो का मार्केट गिरा; बिटकॉइन में 8.74% की गिरावट; इस करेंसी से जुड़ी हर बात जानिए

केंद्र सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की खबर के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालाकि आज सुबह 10 बजे क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? बिटकॉइन क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? 17% से ज्यादा गिरावट देखी जा रही था लेकिन शाम तक इसमें रिकवरी देखने को मिली। शाम साढ़े 5 बजे इसमें 8.72% रह गई थी। यानी निवेशकों का भरोसा क्रिप्टोकरेंसियों पर बना हुआ है।

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को शाम साढ़े 5 बजे की है।

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को शाम साढ़े 5 बजे की है।

क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है। इसके बाद इसकी कीमत में 17% से ज्यादा की गिरावट आ गई थी।

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को सुबह 10 बजे की है।

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को सुबह 10 बजे की है।

हालांकि क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। ढील वाली कौन सी क्रिप्टोकरेंसी होंगी ये अभी साफ नहीं है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा।

शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे। लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं।

लोकसभा बुलेटिन में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल की शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की जानकारी दी गई है। लिस्ट में ये बिल 10वें नंबर पर है।

लोकसभा बुलेटिन में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल की शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की जानकारी दी गई है। लिस्ट में ये बिल 10वें नंबर पर है।

अभी क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं
वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे। सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टैरर फंडिंग और काला धन की आवाजाही में हो रहा है।

क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता, लेकिन रेगुलेट किया जाना चाहिए
PM की बैठक के बाद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाले पार्लियामेंट्री पैनल की पहली बैठक हुई थी। इस बैठक में आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए।

क्रिप्टोकरेंसी से फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया था। दास ने SBI कॉन्क्लेव में कहा था, 'जब RBI ये कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी से मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहरी चर्चा की जरूरत है।'

दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी को किस तरह लिया जा रहा है?

  • इसे लेकर देशों का रिस्पॉन्स एक-सा नहीं है। मसलन, भारत और चीन जैसे देश इसका विरोध करते हैं। भारत में तो रिजर्व बैंक ने इस पर बैन लगा रखा था, पर अमेरिका समेत कई देश इसके अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर की कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन कानून पास किया और यह छोटा देश बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
  • अल सल्वाडोर में पहले अमेरिकी डॉलर से ही लेन-देन होते थे। अब वहां डिजिटल करेंसी में भी लेन-देन होते हैं। उसकी देखा-देखी, कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देश भी बिटकॉइन को लीगल स्टेटस देने पर विचार कर रहे हैं।
  • दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी, US ने हाल ही में क्रिप्टो एनक्लेव का आयोजन किया। पूरी दुनिया में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को अपनाने के प्रयास हो रहे हैं। कुछ देशों ने बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी पर आधारित म्यूचुअल फंड भी लॉन्च किए हैं।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़।

क्या है डिजिटल करेंसी जिसे RBI लाना चाहती है? सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC देश की फिएट करेंसी (जैसे रुपया, डॉलर या यूरो) का एक डिजिटल संस्करण है। इसे केंद्रीय बैंक जारी करता है। साथ ही इसकी गारंटी भी देता है। यह फिएट करेंसी के साथ ही वन टु वन एक्चेंजेबल है। इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है।

रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।

क्या यह क्रिप्टोकरेंसी का ही रूप होगा?
नहीं। क्रिप्टोकरेंसी के प्रति कोई लाएबल नहीं होता है, जबकि इसके ठीक विपरीत डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होगी। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।

डिजिटल टोकन को रेगुलेट करने की तैयारी: रिजर्व बैंक ने शुरू की कवायद, क्रिप्टो करेंसी के कारोबार को मिल सकती है मंजूरी

देर-सबेर ही सही, भारत में क्रिप्टो करेंसी को शर्तों और नियमों के साथ मंजूरी मिल सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने शनिवार को RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की है।

जानकारी के मुताबिक, RBI ने बहुत ही शॉर्ट नोटिस पर यह बैठक बुलाई थी। 2 नवंबर को बुलाई गई बैठक में RBI के वरिष्ठ अधिकारी, तीन क्रिप्टो एक्सचेंज के अधिकारी, क्रिप्टो ब्रोकर और इंडिया टेक के अधिकारी शामिल हुए। इन सभी ने क्रिप्टो पर एक व्हाइट पेपर तैयार किया था। ऐसा माना जा रहा है कि चीन में भले ही क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? है, पर भारत में कुछ नियंत्रण और शर्तों के साथ इसे मंजूरी मिल जाएगी।

KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की संभावनाओं पर चर्चा
इस मीटिंग में KYC फ्रेमवर्क और अवैध लेन-देन की आशंकाओं पर भी चर्चा हुई। मनी लॉन्ड्रिंग की चिंता के अलावा, यदि क्रिप्टो का वॉल्यूम वक्त के साथ बढ़ता है तो RBI संभावित वित्तीय अस्थिरता के बारे में भी चिंतित है। भारत में करीब 2 करोड़ निवेशकों के पास 4-5 अरब डॉलर के क्रिप्टो के सिक्के रखने का अनुमान है। वैसे अब केवल बिटकॉइन ही नहीं, हजारों क्रिप्टो करेंसी हैं। यदि क्रिप्टो की सप्लाई बढ़ती रहती है, तो कुछ स्तर पर यह मॉनिटरी पॉलिसी के लिए चुनौती भी हो सकती है।

इंडस्ट्री में कई लोग चाहते हैं कि क्रिप्टो करेंसी को सिर्फ भारत में जो एक्सचेंज हैं, उनसे ही खरीदा जाए। बैंकों की तरह इन एक्सचेंज को FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए 74% तक की अनुमति दी जानी चाहिए। क्रिप्टो की आड़ में फंड के लेन-देन पर भारत के बाहर भी कई रेगुलेटर्स की ओर से आवाज उठाई गई है।

नियम लागू करना आसान नहीं है
एक बैंकर ने कहा कि क्रिप्टो से जुड़े नियम लागू करना आसान नहीं है। इसके लिए हार्डवेयर में सभी क्रिप्टो होल्डिंग्स के डिस्क्लोजर की जरूरत होगी। उन्हीं कारोबार को इजाजत दी जाएगी, जिनकी निगरानी की जा सकती है। इंडस्ट्री यह चाहती है कि क्रिप्टो को करेंट असेट के रूप में क्लासीफाई किया जाए न कि करेंसी के तौर पर, ताकि इसे आसानी से नकदी में बदला जा सके। साथ ही इंडस्ट्री यह भी उम्मीद कर रही है कि सरकार और RBI कुछ अन्य मुद्दों पर छाए संशय के बादल साफ करे।

कई सारी बातों पर होगा फोकस

  • इस मुद्दे से जुड़ी अहम बातों में यह है कि क्या इससे हुए फायदे को कैपिटल गेन या बिजनेस इनकम मानकर इस पर टैक्स लगाया जाना चाहिए।
  • क्या विदेशी एक्सचेंज और अन्य सेलर्स से क्रिप्टो खरीद में होने वाली धांधली विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का उल्लंघन होगा और क्रिप्टो को कौन रेगुलेट करेगा?
  • चूंकि भारत में फाइनेंशियल रेगुलेटर कई हैं, जैसे बीमा के लिए IRDAI, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के लिए सेबी, बैंकिंग और अन्य पेमेंट के लिए रिजर्व बैंक। इसलिए यह अभी तय नहीं है कि इसे कौन रेगुलेट करेगा।

एक्सचेंज केवल एक प्लेटफॉर्म है
करेंसी से जुड़े एक्सचेंज का कहना है कि वे खरीदार और विक्रेता से मेल कराने के लिए सिर्फ एक मंच हैं। क्रिप्टो की खरीद और सप्लाई नहीं करते हैं। हालिया नियमों के तहत अगर कोई विदेश से सिक्के लाकर अपने देश में बेचता है तो इसका आसानी से पता लगाना मुमकिन नहीं है।

क्रिप्टो की कीमतों में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव है। उदाहरण के तौर पर पिछले 24 घंटे में हुस्की नामक करेंसी की कीमत 67 हजार प्रतिशत बढ़ी है। इससे इसका मार्केट कैप 1.5 अरब डॉलर हो गया है। इससे पहले SQUID, शिबा और कोकोस्वैप की कीमतें भी इसी तरह से बढ़ी थीं।

शनिवार को प्रधानमंत्री ने की थी मीटिंग
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने देश में अवैध तरीके से चल रहे सभी क्रिप्टो एक्सचेंज के मसले पर मीटिंग की थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग और काला धन जमा करने वालों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का जरिया बने इन क्रिप्टो एक्सचेंज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा। शनिवार को PM ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, RBI और गृह मंत्रालय के साथ बैठक की। इसमें मोदी ने साफ तौर पर पूछा कि क्रिप्टो करेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।

क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर हुई समीक्षा
बैठक में क्रिप्टो करेंसी और उससे जुड़े सभी मुद्दों की समीक्षा हुई। साफतौर पर यह तय किया गया कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर युवाओं को गुमराह करने वाली अपारदर्शी एडवर्टाइजिंग पर रोक लगाई जाए। बैठक में RBI, फाइनेंस मंत्रालय और गृह मंत्रालय की तरफ से देश-दुनिया के क्रिप्टो एक्सपर्ट्स से ली गई सलाह के बाद सामने आए मुद्दों पर बात की गई।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेतावनी दी थी
दो दिन पहले ही RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल करेंसी को लेकर चेतावनी दी थी। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताया था और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाए जाने की तरफ इशारा किया था। क्रिप्टो करेंसी पर शिकंजा कसने के लिए RBI और शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं।

3 नवंबर को किया गया था दावा
दरअसल 3 नवंबर को कई संगठनों और क्रिप्टो के कारोबारियों ने मिलकर एक अंग्रेजी समाचार पत्र में दो फुल पेज विज्ञापन दिया था। इसमें यह दावा किया था करोड़ों भारतीयों ने क्रिप्टो में 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। इसका रेगुलेशन किया जाता है। रेगुलेशन में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) और अन्य हैं जो क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? सेल्फ रेगुलेटरी बॉडी हैं।

​​​​​​​एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने कहा कि फाइनेंशियल असेट्स को IMAI नहीं रेगुलेट कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह पता नहीं है कि निवेशक बेस और सही साइज इंडस्ट्री की क्या है। अगर यह 6 लाख करोड़ रुपए का निवेश है तो इसे बहुत जल्दी से रेगुलेट किया जाना चाहिेए।

बिटकॉइन हैश रेट बढ़ता है क्योंकि इथेरियम माइनर्स बीटीसी पोस्ट-मर्ज में शिफ्ट हो जाते हैं

क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग में चल रही अनिश्चितता के बीच, एथेरियम (ETH) द्वारा अपने प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) माइनिंग एल्गोरिथम को समाप्त करने और मर्ज अपडेट के साथ प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) सत्यापन में स्थानांतरित होने के बाद एक दिलचस्प प्रवृत्ति सामने आई।

जैसा कि होता है, पीओडब्ल्यू समर्थन को समाप्त करने वाले एथेरियम ने अपने कुछ खनिकों को अपनी ईटीएच खनन मशीनों को उन लोगों के लिए स्वैप करने के लिए प्रेरित किया है जो बिटकॉइन (बीटीसी) कर सकते हैं, परिणामस्वरूप बीटीसी हैश दर को बढ़ा सकते हैं, नए के अनुसार ‘नेटवर्क की स्थिति’ ब्लॉकचेन एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म द्वारा न्यूजलेटर कॉइनमेट्रिक्स, 13 दिसंबर को भेजा गया।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 की चौथी तिमाही में बिटकॉइन की हैश दर में वृद्धि जारी रही, संभावना है कि ऑपरेटरों ने बिटकॉइन माइनिंग-सक्षम ASIC के लिए अपने पहले के एथेरियम-केंद्रित GPU औद्योगिक रैक स्थान को फिर से तैयार किया।

विलय के बाद खनन मशीनों का पुनरुत्पादन। स्रोत: कॉइनमेट्रिक्स

जैसा कि रिपोर्ट निर्दिष्ट करती है, बीटीसी हैश दर में उछाल, जो लेन-देन को मान्य करने और नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए कम्प्यूटेशनल प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है, मर्ज अपडेट के लॉन्च के साथ मेल खाता है:

“इस संसाधन पुनर्वितरण के परिमाण पर एक सटीक आंकड़ा डालना मुश्किल है, लेकिन बिटकॉइन हैश दर सितंबर में विलय के पूरा होने के तुरंत बाद 220 EH/s से 250 EH/s तक तेजी से बढ़ी।”

दुर्घटना के दबाव में खनिक

उस ने कहा, एफटीएक्स के पतन के चल रहे झटकों, एक बार दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, ने स्पॉट बीटीसी की कीमत के साथ-साथ प्रक्रिया में हैश रेट पर दबाव डाला है, चुनौतियों का एक नया मुकाबला प्रदर्शित किया है। खनिकों के लिए।

इसके साथ, प्रमुख डिजिटल संपत्ति की खनन कठिनाई, अंतर्निहित पैरामीटर जो ब्लॉक समय को नियंत्रण में रखने के लिए हर दो सप्ताह में स्वचालित रूप से समायोजित होता है, 7% से अधिक कम हो गया है, जो कि सबसे बड़ी गिरावट है क्योंकि खनिकों को वसंत में चीन से बाहर कर दिया गया था। 2021 का।

बिटकॉइन मूल्य विश्लेषण

इस बीच, प्रेस समय में पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी की कीमत $ 17,686.33 है, जो उस दिन 0.76% की गिरावट का प्रतिनिधित्व करती है, लेकिन अभी भी सप्ताह भर में 5.10% की रिकवरी और पिछले 30 दिनों में 5.32% की रिकवरी है।

बिटकॉइन 7-दिवसीय मूल्य चार्ट। स्रोत: फिनबोल्ड

340.19 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण के साथ, बिटकॉइन इस सूचक द्वारा सबसे बड़ी डिजिटल संपत्ति के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखता है, इसके बाद इथेरियम दूसरे स्थान पर और 157.53 अरब डॉलर का बाजार पूंजीकरण है। कॉइनमार्केट कैप डेटा 15 दिसंबर को पुनर्प्राप्त किया गया।

अस्वीकरण: इस साइट की सामग्री को निवेश सलाह नहीं माना जाना क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? चाहिए। क्या बिटकॉइन का निवेश किया जाना चाहिए? निवेश सट्टा है। निवेश करते समय, आपकी पूंजी जोखिम में होती है।

बिटकॉइन हैश रेट बढ़ने के बाद एथेरियम माइनर्स बीटीसी पोस्ट-मर्ज में शिफ्ट हो गए, जो पहले फिनबोल्ड पर दिखाई दिए।

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