अरूण और ईएमए क्रॉसओवर को मिलाकर एक नई इंट्राडे स्ट्रेटेजी
मुझे उम्मीद है कि इंडिकेटर कोम्बिनेशंस की इस सिरीज़ का आप आनंद ले रहे होंगे। इस हफ्ते हम एक नई जोड़ी- अरून ऑसिलेटर और मूविंग एवरेज क्रॉस ओवर के साथ एक इंट्राडे ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी उजागर करने जा रहे हैं।
अरून ओसिलेटर
अरून शब्द मूलत संस्कृत से लिया गया है और इसका अर्थ होता है सुबह की पहली रौशनी। इस इंडिकेटर के डेवलपर तुषार चंदे ने यह नाम चुना क्योंकि यह इंडिकेटर एक नए ट्रेंड की शुरुआत का संकेत देने के लिए बनाया गया है।
अरून एक ट्रेडर को जल्दी ट्रेंड में उतरने और उसके रुकने पर बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इसके विपरीत, यदि आप एक रेंज में ट्रेड करना पसंद करते हैं, तो भी आप एक ठोस काउंटर-ट्रेंड ट्रेडिंग सिस्टम बनाने के लिए अरून स्ट्रैटेजी का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, यह डे-ट्रेडर्स के लिए लगातार लाभदायक साबित हुआ है।
मुख्य रूप से, अरून ओसिलेटर ट्रेंड की ताकत और इसकी निरंतरता की संभावना को मापता है।
अरून अप और अरून डाउन लाइंस एक समय की शुरुआत से उस समय के क्रमशः सबसे उच्च और सबसे निम्न प्राइज़ के बीच के प्रतिशत को दर्शाती हैं।
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फॉर्मूला
डिफ़ॉल्ट रूप से, अरून अप और अरून डाउन की 50 दिन का मूविंग एवरेज गणना क्रमशः पिछले 25-पीरियड के उच्च और निम्न अवधि के बाद की संख्या के रूप में की जाती है। मैं 25 की डिफ़ॉल्ट सेटिंग की सलाह देता हूं। हालांकि, आप 50 दिन का मूविंग एवरेज अलग-अलग समय अवधि ले सकते हैं और विभिन्न सेटिंग्स आज़मा सकते हैं।
अरून अप = 100 ∗ (25 - 25 पीरियड्स के बाद की अवधि – अवधि का उच्च)/२५
अरून डाउन = 100 ∗ (25 - 25 पीरियड्स के बाद की अवधि – अवधि का निम्न)/२५
व्याख्या
ऊपर जाता हुआ अरून अप एक मजबूत अपट्रेन्द दर्शाता है जबकि, ऊपर जाता हुआ अरून डाउन एक डाउनट्रेंड दर्शाता है।
सभी को अरून अप और अरून डाउन के क्रॉस ओवर को ध्यान में रखना चाहिए जो संभावित ट्रेंड बदलावों की ओर संकेत करता है।
मुख्य ऑब्ज़र्वेशंस
1. जब मार्केट तेजी से मंदी की ओर बढ़ता है तो अरून अप, अरून डाउन को ऊपर से पार करता है।
2. जब मार्केट मंदी से तेजी की ओर बढ़ता है तो अरून डाउन, अरून अप को ऊपर से पार करता है।
3. जब मार्केट मजबूत गति के साथ ट्रेंड करता है तो अरून अप एक अपट्रेण्ड के लिए अति रीडिंग्स दर्शाता है और अरून डाउन डाउन ट्रेंड के लिए अति रीडिंग्स दर्शाता है।
4. अंततः, जब मार्केट एक तरफा है तो अरून अप और अरून डाउन लाइंस एक दूसरे के समानान्तर होंगी।
अरून के साथ दूसरे इंडिकेटर को कम्बाइन करना
यदि आप अरून फॉर्मूला का विश्लेषण करें तो आप देखेंगे कि उसमे केवल एक पैरामीटर है, समय अवधि। प्राइज़ का कोई संदर्भ नहीं है। तो यह इंडिकेटर आपको समय के संदर्भ में ट्रेंड और मोमेंटम देता है। आदर्श रूप से आप कैंडलस्टिक पैटर्न या मूविंग एवरेज जैसे किसी प्राइज़ एक्शन विश्लेषण की सलाह देना चाहेंगे।
मूविंग एवरेज क्रॉसओवर
हम अपनी स्ट्रैटेजी में अरून को एक मूविंग एवरेज क्रॉस ओवर के साथ कम्बाइन करेंगे।
क्रॉस ओवर तब होता है जैसा की फिगर में दिखाया गया है जब या तो एक तेज़ मूविंग एवरेज (यानी छोटी अवधि के मूविंग एवरेज) एक धीमे चलनेवाले एवरेज (यानी बड़ी अवधि के मूविंग एवरेज) को ऊपर से क्रॉस करता है जिसे एक बुलिश क्रॉस ओवर माना जाता है या नीचे से क्रॉस करता है जिसे बियरिश क्रॉस ओवर माना जाता है।
आप मूविंग एवरेजेस के बारे में विस्तार से इस पहले के आर्टिकल में पढ़ सकते हैं।
अरून और ईएमए क्रॉसओवर स्ट्रैटेजी
यह एक इंट्रा डे स्ट्रैटेजी है और हम 15 मिनट के इंट्राडे चार्ट पर इसका उपयोग करेंगे।
ट्रेड सेट अप
टाइम फ्रेम: 15 मिनट
इंडिकेटर सेटिंग्स: अरून (समय अवधि:25); ईएमए (समय अवधि:5,20)
स्टॉप लॉस: स्टॉप लॉस को दिन के निम्न/उच्च पर सेट करें और लक्ष्य प्राप्त करने के बाद मजबूती से पीछे हो जाएँ।
टेक प्रॉफ़िट: अपने स्टॉप लॉस के 2X-3X पर प्रॉफ़िट बुक करें या लक्ष्य मिल जाने पर धीरे से पीछे हो जाएँ। रात भर की पोज़िशन्स लेने से बचें।
बाई प्रवेश नियम 1
· अरून अप, अरून डाउन को ऊपर से पार करता है।
· 5 ईएमए, 20 ईएमए से ऊंचा है
बाई प्रवेश नियम 2
· अरून अप, अरून डाउन से ऊंचा है
· 5 ईएमए 20 ईएमए से ऊपर है।
सैल प्रवेश नियम 1
· अरुन अप,अरून डाउन के नीचे से पार होता है।
· 5 ईएमए 20 ईएमए से कम है
सैल प्रवेश नियम 2
· अरून अप, अरून डाउन से कम है।
· 5 ईएमए 20 ईएमए को नीचे से पार करता है।
यदि आप ध्यान दें, तो हमारे पास खरीदने और बेचने की कंडीशंस के 2 अलग-अलग सेट हैं। कारण - हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब इंडिकेटर क्रॉसओवर सिग्नल में से एक देता है, तो दूसरा पहले ही हो चुका हो। यदि हम एक ही स्थिति में दोनों क्रॉसओवर स्थापित करते हैं, तो ऐसा एक साथ होने की संभावना बहुत कम है और हम बहुत सारे ट्रेडों को मिस कर सकते हैं।
मैंने लाभ की स्थिति को थोड़ा लचीला रखा है क्योंकि इसका उपयोग डे-ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी में किया जाएगा और व्यापारियों को अपने लाभ की रक्षा के लिए जल्दी से कार्य करना होता है। स्टॉप लॉस स्पष्ट रूप से परिभाषित हैं।
पोज़िशन ट्रेडर्स 60 मिनट या डेली जैसी टाइम फ्रेम्स पर भी इस स्ट्रैटेजी को आज़मा सकते हैं।
निष्कर्ष
अरून एक बहुत अच्छा समय आधारित इंडिकेटर है जिसे कई 50 दिन का मूविंग एवरेज अन्य इंडिकेटर्स और ब्रेक आउट्स के साथ उपयोग किया जा सकता है। उन्हें अपने चार्ट्स पर आज़माएं और खुद देखें। मिलते हैं अगले हफ्ते!
Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.
Arshad Fahoum
Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.
Tata Group Stock | 305% रिटर्न वाला टाटा ग्रुप का शेयर 35% सस्ता, खरीदोगे तो मालामाल बन जाओगे
Tata Group Stock | अभी अगर आप टाटा इंडस्ट्रीज ग्रुप के शेयरों में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो आपको टाटा पावर कंपनी के शेयर पर नजर रखनी चाहिए। टाटा पावर कंपनी के शेयरों में आने वाले दिनों में जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है। साल 2022 में टाटा पावर कंपनी के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली का दबाव देखने को मिला, अब शेयर उस दबाव से उबरते नजर आ रहे हैं। टाटा पावर कंपनी के शेयरों ने पूरे साल 2022 के लिए जीरो फीसदी का रिटर्न दिया है। मंगलवार के कारोबारी सत्र में टाटा पावर कंपनी के शेयर 218.85 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे।
दो साल में 2005 फीसदी मल्टीबैगर रिटर्न (Tata Group Stock)
13 दिसंबर 2021 को टाटा पावर कंपनी के शेयर 230 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन अब ये शेयर 219 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहे हैं। इस दौरान टाटा पावर कंपनी का शेयर मुश्किल दौर से बाहर आने की कोशिश कर रहा था। 2022 में भी शेयरों में कंसोलिडेशन देखने को मिला है। हालांकि टाटा पावर के शेयर ने पिछले तीन साल में जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है। दिसंबर 2019 से अब तक इस शेयर में 305 फीसदी की जबरदस्त बढ़त देखने को मिली है। पिछले दो साल में टाटा पावर कंपनी के शेयर बीएसई इंडेक्स पर 72.8 रुपये के भाव से 200 फीसदी चढ़े हैं। टाटा पावर कंपनी का एबिटडा मार्जिन 1.2 फीसदी दर्ज किया गया। यह मार्जिन दर शेयर में उच्च अस्थिरता को इंगित करती है। टाटा पावर स्टॉक फिलहाल 5 दिन, 20 दिन, 50 दिन और 100 दिन के मूविंग एवरेज पर ट्रेड कर रहा है, लेकिन शेयर अभी भी 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है। टाटा पावर कंपनी की इंडस्ट्री पीई 27.43 फीसदी है।
निवेश पर शानदार रिटर्न
एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी टाटा पावर के शेयरों ने पिछले दो साल में अपने निवेशकों को 218 पर्सेंट रिटर्न दिया है। वहीं, टाटा पावर कंपनी के शेयरों ने पिछले तीन साल में 328 फीसदी का रिटर्न कमाया था। हालांकि, टाटा पावर कंपनी के शेयरों में 2022 में बिकवाली का दबाव देखने को मिला था, जिसके बाद शेयरों में थोड़ी तेजी आई थी, लेकिन तेजी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। लगातार संघर्षों के चलते टाटा पावर का मल्टीबैगर टैग हटा दिया गया है। टाटा पावर के शेयरों में 2022 में सिर्फ 3.67 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। वहीं, अडानी पावर जैसे प्रतिस्पर्धियों के शेयरों ने साल 2022 में 228 फीसदी का रिटर्न दिया है। टाटा पावर कंपनी का शेयर फिलहाल 5 दिन, 20 दिन, 50 दिन और 100 दिन के मूविंग एवरेज पर ट्रेड कर रहा है लेकिन 200 दिनों के मूविंग एवरेज से नीचे है। टाटा पावर कंपनी का पीई 27.43 है।
टाटा पावर कंपनी का तिमाही प्रदर्शन
सध्या टाटा पॉवर कंपनीचे शेअर BSE निर्देशांकावर 219 रुपये किमतीवर ट्रेड करत आहेत. सलग चार दिवसांच्या घसरणीनंतर टाटा पॉवर स्टॉक फुल एनर्जी मध्ये ट्रेड करत आहे. टाटा पॉवर कंपनीचे बाजार भांडवल 69,850 कोटी रुपये आहे. 2022 या चालू आर्थिक 50 दिन का मूविंग एवरेज वर्षाच्या दुसऱ्या तिमाहीत टाटा पॉवर कंपनीच्या एकत्रित निव्वळ नफ्यात 85 टक्क्यांची वाढ झाली होती. कंपनीने 935.18 कोटी रुपये महसूल संकलित केला होता तर 30 सप्टेंबर 2021 रोजी संपलेल्या तिमाहीत कंपनीने 505.66 कोटी रुपये निव्वळ नफा कमावला होता.
टाटा पावर पर विशेषज्ञों की राय
शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर कंपनी के शेयर लंबे समय तक होल्ड रहते हैं तो टाटा पावर चमत्कारिक रिटर्न दे सकती है। फिलहाल शेयर बिकवाली के दबाव में जरूर कारोबार कर रहा है, लेकिन लंबी अवधि में शेयर 350-400 रुपये तक जाने की संभावनाएं रखता है। टिप्स2ट्रेड फर्म के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टाटा पावर स्टॉक लंबी अवधि में 395 रुपये का प्राइस छू लेगा। अगर शेयर 190 रुपये का सपोर्ट लेवल तोड़ता है तो शेयर के लिए बेहद बुरा समय शुरू हो सकता है।
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मूविंग एवरेज क्या है (what is moving average)
शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस के कई सारे घटक होते हैं जिसमें से एक घटक मूविंग एवरेज (moving average) भी होता है। सामान्यतः मूविंग एवरेज (moving average) का उपयोग सबसे अधिक विश्वसनीयता के तौर पर किया जाता है। जिससे कि निवेशकों को पिछले कुछ दिनों, कुछ महीनों के ट्रेडिंग का एवरेज कैसा रहा यह ज्ञात करने के लिए मूविंग एवरेज का उपयोग किया जाता है।
मूविंग एवरेज क्या है (what is moving average) – किसी शेयर के क्लोजिंग प्राइस (closing price) को जोड़कर जिस टाइम पीरियड की गणना करना होती है, उस टाइम की संख्या से इसे विभाजित कर दिया जाता है जिसे कि मूविंग एवरेज कहते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए की 5 लोग आम की दुकान पर आम का लुफ्त ले रहे हैं, और वह एक पूरी टोकरी आम खा जाते हैं । अब कोई छटा व्यक्ति वहां आता है और आम की गुठली से यहां अंदाजा लगाने की कोशिश करता है कि हर व्यक्ति ने कितने आम खाए होंगे। तो सामान्यतः वह एक औसत 50 दिन का मूविंग एवरेज निकालता है। जिसमें कुल गुठलियों की संख्या और उन व्यक्तियों की संख्या से उसे विभाजित कर देता है।
औसत = गुठलीयो की संख्या/व्यक्तियों की संख्या
अब यहां औसत (Average) तो निकल आया परंतु प्रति व्यक्ति ने वास्तविक आम कितने खाएं यह नहीं कहा जा सकता इसलिए औसत केवल एक अनुमान है। इसी प्रकार शेयर मार्केट में भी मूविंग एवरेज को इस प्रकार ज्ञात किया जाता है। मान लीजिए 5 दिनों के एवरेज की गणना हम इस प्रकार करेंगे।
तारीख | शेयर की क्लोजिंग प्राइस |
14/07/14 | 344.95 |
15/07/14 | 342.35 |
16/07/14 | 344.2 |
17/07/14 | 344.25 |
18/07/14 | 344 |
कुल | 1719.75 |
= 1719.75 / 5 = 343.95 , इसलिए पिछले 5 कारोबारी दिनों का शेयर का औसत बंद भाव 343.95 है।
सिंपल मूविंग एवरेज (simple moving average)
सिंपल मूविंग एवरेज या SMA एक सामान्य मूविंग एवरेज (moving average) है। जिसकी गणना शेयर के क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर उस टाइम पीरियड की कुल संख्या जोड़कर इसे विभाजित कर दिया जाता है। तो सिंपल मूवी एवरेज आ जाता है।
Simple moving average एक टेक्निकल इंडिकेटर है। जिसे एक लाइन द्वारा दर्शाया जाता है और इसे सीधे शेयर प्राइस पर प्लॉट किया जाता ह। निवेशक की पसंद के अनुसार, simple moving average इंडिकेटर में पीरियड को बदला जा सकता है। शॉर्ट-टर्म simple moving average के लिए, हम 5, 9, 13 इत्यादि का उपयोग कर सकते हैं। मीडियम-टर्म के लिए 20, 34, 50 और लॉन्ग-टर्म के लिए 100, 200 का उपयोग किया जा सकता है।
सिंपल मूविंग एवरेज (simple moving average)
वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average)
Weighted moving average में लेटेस्ट प्राइस को अधिक महत्व या वेटेज दिया जाता है। इसलिए इसे वेटेज मूविंग एवरेज कहा जाता है। वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average) में वर्तमान प्राइस एक्शन पर अधिक ध्यान दिया जाता है, और 50 दिन का मूविंग एवरेज सिंपल मूविंग एवरेज (simple moving average) में लास्ट प्राइस पर ध्यान दिया जाता है। कई बार निवेशकों को ऐसा लगता है कि केवल ओपनिंग प्राइस ज क्लोजिंग प्राइस ही पर्याप्त नहीं होता। इसके साथ लेटेस्ट प्राइस को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। इसी से वेटेड मूविंग एवरेज (weighted moving average) की अवधारणा सामने आई।
मान लीजिये हम किसी शेयर प्राइस के 9 पीरियड weighted moving average की गणना करना चाहते है। फिर हाल ही की कीमत को पिछली कीमतों की तुलना में अधिक महत्व मिलेगा। इस प्रकार, अंतिम दिन की कीमत (9 पीरियड के पहले) को न्यूनतम वेटेज मिलेगा। पीरियड weighted moving average की गणना-
Weighted moving average = (P1 * 9) + (P2 * 8) + (P3 * 7) +……. + (P9 50 दिन का मूविंग एवरेज * 1) / (9 + 8 + 7 + 6 + 5 + 4+ 3 + 2 + 1)
P1 = शेयर की हाल ही की कीमत
P2 = एक दिन पहले की कीमत
P3 = दो दिन पहले की कीमत इत्यादि
एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज (exponential moving average)
एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज भी वेटेज मूविंग एवरेज (weighted moving average) के समान ही है इसमें भी वर्तमान कीमत को अधिक वेटेज दिया जाता है। इसे सीधे कीमत के ऊपर ही प्लॉट किया जाता है। इसमें एक कीमत से दूसरी कीमत की घटती दर एक जैसी नहीं होती है कीमतें इसमें काफी तेजी से घट जाती है। EMA की गणना के लिए तीन चरणों की आवश्यकता होती है।
2> वेटिंग मल्टीप्लायर की गणना
इसके लिए, SMA = (क्लोजिंग प्राइस का योग) / टाइम पीरियड की संख्या
वेटिंग मल्टीप्लायर = (2 / (टाइम पीरियड + 1))
EMA – क्लोजिंग प्राइस – EMA (पिछला दिन)) x वेटिंग मल्टीप्लायर + EMA (पिछला दिन)
एक्स्पोनेंशियल मूविंग एवरेज (exponential moving average)
200 डे मूविंग ऐवरेज (200 DMA)
शेयर बाजार में साल की सभी छुट्टियां (Holidays) हटाने के बाद में ट्रेडिंग के जो दिन बचते हैं वह लगभग 200 दिन ही होते हैं। इन 200 दिनों का मूविंग एवरेज (moving average) ही 200 DMA कहलाता है। लॉन्ग टर्म के लिए निवेशक 200 डीएमए का उपयोग करते हैं। 50 दिन का मूविंग एवरेज क्योंकि यह पूरे साल का एक बड़ा आंकड़ा है। किसी इंडेक्स या शेयर share) के 200 डीएमए का नीचे आने का मतलब यह एक लॉन्ग टर्म डाउन ट्रेन बनाता है। और यदि 200 डीएमए के ऊपर चार्ट जाता है तो यह एक UP ट्रेंड का निर्माण करता है। 200 DMA एक बड़ा सपोर्ट लेवल (support level) माना जाता है।
5-9 दिन के शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज
यह एक शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज है, जिसमें 5 और 9 दिनों का मूविंग एवरेज निकाला जाता है। यह निवेशक को अच्छे एंट्री और एग्जिट सिग्नल देता है। यदि EMA 5 EMA 9 को नीचे से पार करता है तो एक पॉजिटिव क्रॉस ओवर (positive cross over) सिग्नल बनता है। और इसके अनुसार, खरीदी की पोजीशन ली जा सकती हैं और जब 5 EMA 9 EMA को ऊपर से पार करता है, तब ठीक इसका विपरीत होता है। इस क्रॉसओवर को नेगेटिव क्रॉस ओवर (negative cross over) नाम दिया गया है।और इस सिग्नल के आधार पर ट्रेडर एक छोटी पोजीशन ले सकता है।
50-दिन, 100-दिनऔर 200-दिन की मूविंग एवरेज मैं अंतर
सामान्यता तीनों में समय अवधि का मुख्य अंतर है। क्योंकि शॉर्ट टर्म के लिए 50 दिन का मूविंग एवरेज (moving average) बेहतर माना जाता है। वही लॉन्ग टर्म के लिए 100 और 200 दिन का मूविंग एवरेज अच्छा माना जाता है। यदि तीनों को एक साथ उपयोग किया जाए और तकनीकी विश्लेषण किया जाए तो 50SMA वाली लाइन के ऊपर ट्रेड लेना एक बेहतर निर्णय होगा, क्योंकि इसके ऊपर काफी अच्छा सपोर्ट लेवल माना जाता है जो कि एक सेफ लेवल होता है।
50 दिन का मूविंग एवरेज
Micro Intraday Trading on 44 Moving Average is Best in Hindi
- Post author: admin
- Post published: September 17, 2021
- Post category: Stock Market
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ये बिलकुल ही आम धरना है कि शेयर बाजार से बड़ी कमाई की जा सकती है लेकिन यह इतना आसान नहीं है। लेकिन अगर हम कुछ अलग या बेहतर स्ट्रेटिजी के साथ लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट करे तो ऐसा होना सम्भव है।
ऐसा ही कुछ इक्विटी मार्केट में Micro Intraday Trading में भी संभव हो सकता है बस इसे सुरक्षित करने के लिए कुछ खास सिस्टम या मेथड को डिसिप्लिन के साथ फॉलो करना होगा।
Micro Intraday Trading को समझने से पहले ये समझते है कि Intraday Trading क्या है ?
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Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading एक ही दिन के भीतर बाजार बंद होने से पहले स्टॉक खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य निवेश करना नहीं है, बल्कि स्टॉक इंडेक्स की गतिविधियों को नियंत्रित करके तुरंत लाभ कमाना होता है।
इसलिए, स्टॉक ट्रेडिंग से लाभ कमाने के लिए शेयरों की कीमत में बदलाव की बारीकी से निगरानी की जाती है।
मान लीजिए कि आपने बाजार के खुलने पर एक स्टॉक में निवेश किया और देखा कि आप अपनी इच्छानुसार लाभ कमा 50 दिन का मूविंग एवरेज रहे हैं, तो आप उस स्टॉक को बेच सकते हैं और उसी समय बाहर निकल सकते हैं।
Intraday Trading में भले ही आप उसी ट्रेंडिंग सेशन में शेयर नहीं बेचते हैं, वे 50 दिन का मूविंग एवरेज अपने आप बिक जाते हैं।
इसका मतलब है कि आपको लाभ हो या हानि, गणना उसी दिन की जाती है। डिलीवरी ट्रेडिंग में आप जब तक चाहें स्टॉक रख सकते हैं। इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ज्यादा ब्रोकरेज देना पड़ता है। हां, लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहें बाहर जा सकते हैं।
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