जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

कॉपी ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

कॉपी ट्रेडिंग (CT) एक दृष्टिकोण है जो 2005 में उत्पन्न हुआ था जब व्यापारियों ने स्वचालित सौदों के लिए डिज़ाइन किए गए कुछ एल्गोरिदम की प्रतिलिपि बनाना शुरू किया था। दृष्टिकोण गति प्राप्त करना जारी रखता है; इस बीच, विशेषज्ञ इस पद्धति के पेशेवरों और विपक्षों दोनों में अंतर करते हैं।

कॉपी ट्रेडिंग क्या है?

विधि का नाम इसके सिद्धांतों की व्याख्या करता है; यही कारण है कि नवागंतुक आसानी से समझ जाते हैं कि कॉपी ट्रेडिंग अन्य व्यापारियों के सौदों की नकल पर आधारित है। इस दृष्टिकोण की सावधानियां क्या हैं? फ़ोरेक्ष बाजार अभी भी निवेश करने के लिए सबसे आशाजनक साधनों में से एक है। यह कहा गया है कि शुरुआती खिलाड़ी मुनाफे की तलाश में इस उद्योग में शामिल होते हैं।

फ़ोरेक्ष आँकड़े निम्नलिखित तथ्य दिखाते हैं:

30% से अधिक नए व्यापारी (1 वर्ष से कम का अनुभव) वित्तीय बाजारों को बहुत जटिल समझते हैं। कॉपी ट्रेडिंग उन व्यापारियों के लिए एकमात्र प्रभावी तरीका है।

CT पद्धति ने 2020 में $50 बिलियन से अधिक का लाभ कमाया, और यह संख्या 2025 तक $80 बिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है।

कॉपी ट्रेडिंग का क्या मतलब है?

दृष्टिकोण में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

एक पेशेवर व्यापारी खोजें जो पूरी तरह से आपके लक्ष्यों से मेल खाता हो, और उसके लिए सदस्यता लें। निम्नलिखित पहलुओं को ध्यान में रखें: ग्राहकों की संख्या, व्यापारिक आंकड़े, लाभ, जोखिम स्तर, प्रारंभिक निवेश पर वापसी, और अन्य कारक।

अपने निवेश बजट को परिभाषित करें। याद रखें कि आपके निवेश को आपके दैनिक जीवन के लिए बाधा उत्पन्न नहीं करनी चाहिए। तय करें कि कौन सी राशि निवेश करने के लिए पर्याप्त है। कॉपी ट्रेडिंग - कैसे शुरू करें? यह सभी नवागंतुकों का प्रश्न है, और विशेषज्ञ कई सफल व्यापारियों का अनुसरण करने की सलाह देते हैं। अपने निवेश बजट को 2-3 व्यापारियों के बीच साझा करें।

बेहतर सीटी तंत्र चुनें। कुछ व्यापारी सिग्नल प्राप्त करते हुए मैन्युअल रूप से सौदे खोलते और बंद करते हैं। अन्य निवेशक प्रक्रिया को स्वचालित करना पसंद करते हैं। सेमी-ऑटोमेटेड मोड भी उपलब्ध है।

जब परिणाम आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप हों तो अधिक फंड निवेश करें। नुकसान के मामले में, अनुसरण करने के लिए अन्य व्यापारियों को चुनें।

कॉपी ट्रेडिंग के शीर्ष -5 लाभ

यह दृष्टिकोण नए बाजार के खिलाड़ियों के लिए मददगार है। जब आपने अभी बाजार में प्रवेश किया है और आपके पास कोई अनुभव नहीं है, तो अन्य व्यापारियों के सौदों की नकल करना यह समझने का एक सही तरीका है कि बाजार कैसे काम करता है।

जब कोई ट्रेडर FX मार्केट मैकेनिज्म को नहीं समझ सकता है और नुकसान झेलता है, तो कॉपी ट्रेडिंग इस इंस्ट्रूमेंट से मुनाफा पाने का तरीका है।

CT सौदों की स्वचालित प्रक्रिया निवेशकों के समय को मुक्त करती है, क्योंकि विशेष सॉफ्टवेयर द्वारा ऑर्डर दिए जाते हैं। इसने कहा कि दृष्टिकोण एक निष्क्रिय निवेश विकल्प के रूप में कार्य करता है।

उन्नत जोखिम प्रबंधन होता है, क्योंकि निवेशक एक पेशेवर व्यापारी के आँकड़ों, रणनीतियों और अन्य पहलुओं का विश्लेषण करते हैं, यह समझने के लिए कि क्या वे एक व्यापारी पर अपने पैसे पर भरोसा करने के लिए तैयार हैं या नहीं।

अपने नुकसान पर नियंत्रण रखें। जब परिणाम आपकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होते हैं, तो आपका ध्यान अन्य व्यापारियों पर स्थानांतरित करना आसान होता है।

इस विधि के मुख्य विपक्ष

जब उपयोगकर्ता कॉपी ट्रेडिंग करने के तरीके में गहराई से उतरते हैं, तो फायदे काफी उज्ज्वल और आकर्षक होते हैं। इस बीच, यह न भूलें कि नुकसान भी मौजूद हैं:

पेशेवर व्यापारियों को भी दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है; यही कारण है कि आपकी जमा राशि के पिघलने का जोखिम मौजूद है।

मैनुअल CT के बारे में बात करते समय, व्यापारियों को एक प्लेटफॉर्म पर 24/7 पहुंच की आवश्यकता होती है। यदि आप स्वचालित तंत्र पसंद करते हैं, तो सॉफ़्टवेयर हमेशा ऑनलाइन होना चाहिए।

सफल व्यापारियों का विशाल बहुमत सफल सौदों से शुल्क की मांग करता है; यही कारण है कि दृष्टिकोण क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान में कुछ खर्च शामिल हैं।

इसलिए, यह समझने के लिए कॉपी ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करें कि क्या यह तरीका आपके विचारों और अपेक्षाओं के अनुरूप है।

क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव

कम लिक्विडिटी वाले क्रिप्टो को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें बेचने में मुश्किल क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान हो सकती है

क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने पर बचना चाहिए।

एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी

आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी चाहिए।

कम लिक्विडिटी वाली क्रिप्टोकरेंसीज से बचें

लिक्विडिटी अधिक होने पर ही क्रिप्टोकरेंसीज को आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी में लिक्विडिटी कम है तो आपको उसे बेचने में मुश्किल होगी।

सब पूछ रहे Crypto Tax से जुड़े ये 5 बड़े सवाल, अब खुद वित्त मंत्रालय ने दिए जवाब

Tax on Cryptocurrency in India: फाइनेंशियल ईयर क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान 2022-23 के बजट में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30% का टैक्स लगाने की बात कही गई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं.

डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर सरकार ने लगाया है टैक्स.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2022,
  • (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 5:59 PM IST)
  • टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो को वैध करना नहीं
  • एग्री इनकम छोड़कर हर इनकम है टैक्सेबल

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारी-भरकम टैक्स (Tax on Cryptocurrency) का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2022-23 में अन्य प्रावधानों के साथ-साथ कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन (115BBH) जोड़ा जाएगा. यह सेक्शन वर्चुअल डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स (Income Tax) की वसूली से संबंधित है. इसकी घोषणा को लेकर देशभर में क्रिप्टो के फ्यूचर और नए टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए.

'बिजनेस टुडे' टेलीविजन के सिद्धार्थ जराबी और साक्षी बत्रा ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की. पेश है बातचीत का संपादित अंश

सवालः सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाकर क्या उसे वैध कर रही है?
सीबीडीटी के चेयरमैन जे.बी. महापात्र का जवाबः आपके इस सवाल का जवाब है - ना. टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो ट्रेडिंग या उससे होने वाले किसी तरह के फायदे या नुकसान को कानूनी रूप से वैध बनाना नहीं है. एक विभाग के तौर पर हम किसी बिजनेस या किसी भी सेक्टर के बिजनेस, किसी प्रोफेशन या फिर ट्रांजैक्शन की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हमें ट्रेड के बाद टैक्सेशन के पहलू को देखने का अधिकार प्राप्त है.

सवालः भारत के क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम कितना बड़ा है?
महापात्रः हमें भारत में काम कर रहे कुछ एक्सचेंज के बारे में जानकारी है. ऐसा कहा जा रहा है कि इनकी संख्या 40 है. इनमें से 10 बड़े एक्सचेंज हैं. सबसे बड़े एक्सचेंज का टर्नओवर 34,000 करोड़ रुपये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मार्केट का आकार काफी बड़ा है. अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 10 करोड़ लोगों ने किसी-ना-किसी रूप में क्रिप्टो में इंवेस्ट किया है. यह रकम काफी कम से काफी अधिक है. हमें यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान है कि निवेश की रकम छोटी है या बड़ी है. हमें क्वालिटी और इंवेस्टमेंट के सोर्स को लेकर इंटरेस्ट है. हम ऐसा यह देखते हैं कि इनकम का सोर्स वैध है या अवैध. अगर अवैध सोर्स से हुई कमाई को निवेश किया गया है तो ना सिर्फ ट्रेड से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है बल्कि पूरे अवैध इंवेस्टमेंट पर भी टैक्स लग जाता है. इस तरह इनकम टैक्स से क्रिप्टो मार्केट में एक तरह का ऑर्डर या अनुशासन लाया जा सकता है.

सवालः वर्चुअल डिजिटल एसेट्स क्या हैं?
महापात्रः आईटी एक्ट के 247A में डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को परिभाषित किया गया है. सिंपल शब्दों में कहा जा सकता है कि क्रिप्टोग्राफिक तरीके से जेनरेट किया गया कोई भी कोड या कोई भी इंफॉर्मेशन या कोई भी फॉर्मूला जिसमें कोई निहित मूल्य है और जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट या स्टोर किया जा सकता है, उसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है. इसमें NFT भी शामिल है.

सवालः क्या 30 फीसदी टैक्स की दर बहुत ज्यादा नहीं है?
महापात्रः मुझे नहीं लगता है कि टैक्स की यह दर बहुत ऊंची है. कंपनियों से भी 30 फीसदी क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान का टैक्स लिया जा रहा है. फर्म और एलएलपी से भी इसी रेट से टैक्स लिया जाता है.

सवालः कानून के बिना क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स क्यों?
वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथनः इनकम टैक्स एक्ट में कृषि से होने वाली इनकम को छोड़कर किसी भी अन्य इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम इस कानून से पहले भी टैक्सेबल है, आज भी है और एक अप्रैल के बाद भी रहेगी. केवल टैक्स का रिजीम बदल रहा है. यह एक अप्रैल से पहले भी टैक्सेबल है लेकिन 30 फीसदी की दर से नहीं है. अभी यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन जैसे इनकम के क्लासिफिकेशन पर बेस्ड है. ऐसे में टैक्स को लेकर स्पष्टता लाने के लिए इसमें यह बदलाव किया गया है. लीगल और अनरेग्युलेटेड इनकम दोनों टैक्सेबल है. यहां तक कि अवैध आय भी टैक्सेबल है. अगर कोई आईएएस अधिकारी रिश्वत लेता है तो वह भी टैक्सेबल है. हालांकि, क्रिप्टो अवैध नहीं है.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.

नेटवर्क फीस

  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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क्रिप्‍टोकरंसी में निवेश से पहले जानें क्‍या हैं इसके जोखिम और फायदे की बात

आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryptocurrency market में निवेश को लेकर लोगों में दिलचस्‍पी बढ़ रही है। दुनिया की सबसे बड़ी Cryptocurrency Bitcoin की एक साल में कीमत 90 फीसद तक बढ़ी है। यह इस समय 60 हजार डॉलर के आसपास चल रही है। जबकि कुछ दिन पहले यह 69 हजार डॉलर पर थी। दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्‍टोकरंसी Ether की कीमत 4075 डॉलर है। हालांकि इसमें निवेश से पहले इसके जोखिम और फायदों को समझना जरूरी है।

जानें क्‍या हैं फायदे

जानकारों की मानें तो क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के फायदे भी हैं और खतरे भी। मसलन अगर इसमें लंबे समय तक निवेश किया जाए तो यह बेहतर रिटर्न का जरिया बन सकता है। हालांकि ये डिसेंट्रलाइज्‍ड हैं। इसमें सरकारी नियमन का कोई दखल नहीं होता। इसके जरिए निवेशक अपने पैसे पर सीधा अधिकार रखता है। इसमें निवेश के लिए वैश्विक स्‍तर पर पैसा लगाया जा सकता है। आप किसी भी देश के हों, इसमें निवेश कर सकते हैं।

स्‍टॉक मार्केट से अलग

एक और अच्‍छी बात है कि क्रिप्‍टो करंसी में निवेश के लिए कोई समय तय नहीं है। आप किसी भी समय इसे खरीद सकते हैं। यह स्‍टाक मार्केट की तरह ट्रेडिंग से अलग है।

जानें क्‍या है नुकसान

क्रिप्‍टो करंसी में निवेश में जोखिम भी बड़ा है। यह किसी सरकारी या फाइनेंशियल संस्‍थान के नियंत्रण में नहीं है। यह नियमन के दायरे में क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान नहीं आता। इसमें पैसे की सेफ्टी या सुरक्षा की गारंटी नहीं है। इसकी खरीद-फरोख्‍त डिजिटली होती है। इसे हैक किया जा सकता है। अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं तो एक बार अपने वित्‍तीय सलाहकार की राय जरूर लें।

निवेश से पहले क्‍या करें

अगर आप इसमें निवेश करने जा रहे हैं तो यह जान लें कि यह काफी नया है। हर कोई इसमें निवेश नहीं कर सकता। इसके लिए तकनीकी ज्ञान होना जरूरी है। सिस्‍टम को समझना चाहिए। साथ ही क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान इसमें उतार-चढ़ाव का काफी चांस रहता है, जिससे आपका निवेश फंस भी सकता है। ज्‍यादा उतार-चढ़ाव को रोक पाना आम निवेशक के बस के बाहर की बात है।

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