Satta Matka: कितना सुरक्षित है सट्टा मटका का खेल? पैसे डूबने का कितना FBS कितना सुरक्षित है? है चांस?
सट्टा मटका खेलने वालों के लिए कुछ बातों का पता होना बेहद जरुरी है. जैसे क्या सट्टा मटका खेलने वालों पर सरकार निगरानी होती है? क्या सट्टा मटका परिणाम पर सरकार अपनी नजर रखती है और अगर सट्टा मटका के खेल में पैसा डूब जाए तो क्या उसे सरकार वापस दिला सकती है?
Satta King Result: सट्टा मटका देश के लगभग सभी जगहों पर खेला जाता है. इस खेल में जो जीतता है उसकी किस्मत बदल जाती है और जो हारता है उसकी भी जिंदगी बदल जाती है. सट्टा किंग के परिणाम का इंतजार देश के हर कोने में रहें वाले लोग करते हैं. अगर आप भी इस खेल में दिलचस्पी रखते हैं और इस खेल को खेलते हैं है इससे जुड़ी कुछ बातें आपको जरूर पता होनी चाहिए. इसमें सबसे पहला सवाल है क्या सट्टा मटका के परिणाम पर सरकार की नजर होती है? अगर आपके पैसे डूब जाए तो क्या उस समय सरकार आपको किसी भी तरीके से मदद कर सकती है. इन सभी सवालों के जवाब आज हम आपको देनेवाले हैं.
सट्टा मटका का खेल कब और कहां से हुआ शुरू?
सट्टा मटका एक तरह का जुआ (Satta Matka Gambling) होता है. भारत में हर तरह का जुआ गैरकानूनी है, इसके बावजूद सट्टा मटका हमारे देश में खेला जाता है. इस खेल को शुरू हुए कई दशकों का समय बीत चुका है. इस खेल की शुरुआत भारत में ही हुई थी और सबसे पहले इसे कोलकाता एफएफ (Kolkata FF), गाजियाबाद सट्टा किंग (Gajiyabad Satta King), यूपी सट्टा किंग (UP Satta King) और फटाफट एफएफ (Fatafat FF) जैसे नामों से जाना जाता था. इस खेल की प्रशंसा देश भर में करोड़ों लोगों द्वारा की जाती है और लोग हर हफ्ते इस खेल को खेल कर अपनी किस्मत भी आजमाते हैं.
How To Play Satta Matka: सट्टा मटका क्या है? कैसे खेलते हैं यह गेम? यहां जाने सबकुछ
सट्टा मटका का खेल किनके लिए हो सकता है हानिकारक?
सट्टा मटका का खेल हर वर्ग और आयु के लोगों द्वारा खेला जाता है. लेकिन, इसमें मुख्य तौर पर 2 तरह के लोग होते हैं. एक जिनकी नियमित इनकम होती और दूसरे जो थोड़े गरीब परिवार से होते हैं. नियमित इनकम वालों के लिए यह खेल एक मनोरंजन का तरीका साबित हो सकता है जबकि गरीब परिवार के लोग अगर इस खेल को खेलें तो उनके सारे पैसे डूब भी सकते हैं. सट्टा मटका जुआ होता है और भारत में जुआ गैरकानूनी है.
क्या इस खेल के परिणाम पर होती है सरकार की नजर?
अगर आप इस खेल को खेलते हैं तो आपके लिए यह बात जाननी बेहद जरुरी हो जाती है कि इस खेल के परिणाम में सरकार का किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होता है. अगर आप जीतते हैं तो फायदा आपका होगा और इसके विपरीत अगर आप हारते हैं तो सरकार या फिर पुलिस इस मामले में आपकी किसी भी तरह से कोई मदद नहीं कर पाएगी. इसलिए इस खेल को खेलने से पहले सभी तरह के परिणामों के बारे में अच्छी तरह जरूर सोच लें.
What Is Satta Matka: कैसा है यह खेल ? कैसे खेलते हैं इसे ? कितना है जोखिम ? यहां जानें
सट्टा मटका के ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स भी हैं मौजूद
सट्टा मटका का खेल देश भर के लोग खेलना पसंद करते हैं. इसके लिए आप अगर चाहें तो ऑफलाइन या फिर ऑनलाइन दोनों तरीके से इस खेल का आनंद उठा सकते हैं. अगर आप इस खेल को ऑनलाइन खेलना पसंद करते हैं तो आपको इस खेल में पैसे लगाने से पहले बहुत अच्छी तरह से सोच समझ लेना चाहिए, क्योंकि जो पैसे आप लगा रहे हैं वह डूब भी सकते हैं. सट्टा मटका जुआ है और भारत में जुआ गैरकानूनी है.
सट्टा मटका क्या है?
सट्टा मटका एक तरह का जुआ है. आजादी से पहले सट्टा मटका पारंपरिक तरीके से खेला जाता था. उन दिनों मटके के अंदर पर्चियां डाली जाती थीं, जिसमें से नंबर निकाला जाता था. तब मटके के प्रयोग की वजह से आज भी इस खेल को सट्टा मटका कहते हैं. शुरुआती दिनों में यह कॉटन के दाम पर सट्टा खेला जाता था. तब कारोबार शुरू होने और बंद होने के समय कॉटन के दाम पर सट्टा खेला जाता था. इस खेल की शुरुआत भारत में ही हुई थी और अब यह खेल दुनिया के हर कोने में पहुंच चुका है. बता दें यह गेम लीगल नहीं है और इसमें कई तरह के रिस्क शामिल है. अगर आप इस खेल को खेलते हैं और इसका रिजल्ट जानना FBS कितना सुरक्षित है? चाहते हैं तो बता दें इसके लिए कई वेबसाइट भी बनाये गए हैं. ये साइट्स आपको हर पर की अपडेट्स देते रहते हैं. इस खेल के फाउंडर की बात FBS कितना सुरक्षित है? करें तो इसमें सबसे पहले Rattan Khatri, Kalyanji Bhagat और Suresh Bhagat का नाम आता है.
Twitter, FB, Insta कभी भी हो सकता है हैक, ऐसे सुरक्षित रखें अपना डाटा
पहले एम्स का सर्वर और अब जलशक्ति मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट, हैकर्स लगातार भारत की डिजिटल सुरक्षा में सेंधमारी कर रहे हैं. यहां हम आपको बताने जा रहे हैं वो FBS कितना सुरक्षित है? टिप्स जिससे आप अपने Twitter, Facebook और Instagram अकाउंट को हैकर्स से बचा सकते हैं.
देश के सबसे बड़े अस्पताल AIIMS का सर्वर हैक होने की घटना को अभी 15 दिन भी नहीं बीते, कि हैकर्स ने भारत की डिजिटल सुरक्षा पर एक और बड़ा हमला किया है. हैकर्स ने सरकार के जलशक्ति मंत्रालय का ट्विटर अकाउंट हैक (Jal Shakti Ministry Twitter Account Hack) कर सारा डाटा उड़ा दिया है. ऐसे में अगर आप भी Twitter, Facebook या Instagram जैसे किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं, तो यहां हम आपको बता रहे हैं कि आप अपने अकाउंट को हैकर्स से कैसे बचा सकते हैं.
ट्विटर पर अपनाएं Two-Factor Authentication
अपने ट्विटर अकाउंट की सुरक्षा के लिए सबसे पहले तो आपको एक स्ट्रॅान्ग पासवर्ड बनाने की जरूरत है. एक स्ट्रॅान्ग पासवर्ड में कैपिटल लेटर्स, स्मॉल लेटर्स, स्पेशल लैटर्स और न्यूमेरिक लेटर्स का कॉम्बिनेशन होना चाहिए. इतना ही नहीं आपको अपने फोन नंबर, जन्मतिथि, किसी प्रियजन के नाम से जुड़े पासवर्ड रखने से बचना चाहिए.
इसके अलावा अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए आप two-factor authentication का विकल्प भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरीके में अकाउंट लॉगिन करने के लिए पासवर्ड डालने के बाद आपको फोन या ई-मेल पर एक कोड भेजा जाता है, जिसे डालने के बाद ही आप लॉगिन कर सकते हैं.
Facebook, Instagram की सुरक्षा के लिए अपनाएं ये टिप्स
ट्विटर की तरह ही आप अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट की सुरक्षा भी मजबूत कर सकते हैं. इसके लिए भी पहली शर्त तो एक मजबूत पासवर्ड बनाना है ही. साथ ही अतिरिक्त सुरक्षा के लिए आपको हर छह महीने में अपना पासवर्ड चेंज कर देना चाहिए.
इसके अलावा आप अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम भी two-factor authentication की सुविधा मिलती है. वहीं फेसबुक पर आप एक्स्ट्रा सेटिंग का उपयोग करते हुए Profile Lock करने का ऑप्शन अपना सकते हैं. साथ ही आप अपने अकाउंट की कौन सी जानकारी पब्लिक करना चाहते हैं और कौन सी नहीं इसका चुनाव कर सकते हैं.
फेसबुक अकाउंट की एक्स्ट्रा सुरक्षा के लिए आपको उसे सर्च इंजन के रिजल्ट से हटा देना चाहिए. साथ ही अलर्ट नोटिफिकेशन को ऑन करके रखना चाहिए, ताकि अगर कोई सेंधमारी करने की कोशिश करे, तो आपके पास तुरंत सूचना आ जाए.
रिकवर करें Twitter, FB, Insta के अकाउंट
अगर आपका ट्विटर, फेसबुक या इंस्टाग्राम में से कोई भी अकाउंट FBS कितना सुरक्षित है? हैक हो जाता है. तो आपके पास हमेशा उसे रिकवर करने का ऑप्शन होता है. इसके लिए आपके फोन नंबर और ईमेल की जरूरत पड़ती है. जिस पर आपको रीसेट पासवर्ड का लिंक या कोड भेजा जाता है.
इसके लिए आप Forgot Password ऑप्शन का इस्तेमाल कर सकते हैं. या आपको लग रहा है कि आपके अकाउंट के साथ कोई छेड़छाड़ हुई है, तो आप सेटिंग्स में जाकर पासवर्ड और प्राइवेसी सिक्योरिटी का रिव्यू कर सकते हैं.
कहीं गलत हाथों में तो नहीं आपका Meta (Facebook) Account? स्टेप्स फॉलो कर मिनटों में लगाएं पता
META (FACEBOOK) आपको ये सुविधा देता है, जिसके जरिए आप पता लगा सकते हैं कि कहीं कोई अनजान व्यक्ति आपका अकाउंट यूज तो नहीं कर रहा है.
अपने फेसबुक अकाउंट को सुरक्षित करें
META (फेसबुक) द्वारा हम कई जगह लॉग इन करते हैं. अकाउंट में हमारा कई तरह का डाटा स्टोर भी रहता है. जितना जरूरी है अपना डाटा सिक्योर करना उतना ही जरूरी है अपने फेसबुक अकाउंट को सिक्योर करना. हो सकता है आपने कभी अपना अकाउंट किसी अन्य जगह से लॉग इन किया हो और आप अकाउंट लॉगआउट करना भूल गए हों. META यानि की FACEBOOK आपको ये सुविधा देता है जिसके द्वारा आप पता कर सकते हैं कि आपका अकाउंट किन-किन जगहों से उपयोग किया जा रहा है.
ऐसे चेक करें fb पर एक्टिविटी स्टेटस
1. सबसे पहले आपको fb की मोबाइल एप्लीकेशन ओपन करना है.
2. इसके बाद आपको दाहिनी तरफ तीन लाइनों से बना आइकॉन दिखेगा. इस पर क्लिक करें.
3. अब सेटिंग बटन पर क्लिक करें.
4. इसके बाद आपको एक सर्च बटन ऑप्शन दाहिनी तरफ, ऊपर की ओर देखने मिल जाएगा. इस पर क्लिक करें.
5. यहां आपको लिखना है "Activity Log" और इसे सर्च करें.
6. "Activity Log" में सबसे नीचे की तरफ आपको कई ऑप्शन देखने मिलेंगे जैसे कि, Login Logouts, Active sessions, search history आदि.'
7. active session ऑप्शन में जाकर आप पता लगा सकते हैं कि इस समय आपका अकाउंट कहां से उपयोग किया जा रहा है.
8. लॉग इन, लोग आउट ऑप्शन में आपको ये पता चलेगा की कब और कहां-कहां आपका अकाउंट खोला गया है.
9. जगह के साथ-साथ आपको अकाउंट खोलने का माध्यम भी पता चल जाएगा. जैसे कि मोबाइल या लैपटॉप.
ये जगह आपको फेसबुक ip address के माध्यम से सिंक करता है. इसलिए आपको स्टेट का नाम ही पता चल सकता है. लेकिन किसी भी तरह का unknown लॉग इन आप आसानी से पहचान जाते हैं.
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अनजान अकाउंट को कर सकते हैं रिमूव
अगर आपको लॉग इन, लोग आउट ऑप्शन में या फिर एक्टिव सेशन के ऑप्शन में कोई भी अनजान नाम दिखाई देता है तो इसे आप तुरंत ही रिमूव कर सकते हैं.
अकाउंट करें सिक्योर
अगर आपको कोई अनजान एक्टिविटी दिखाई दे तो तुरंत इसे रिमूव कर अपने अकाउंट का password change करें और अकाउंट को सभी अन्य जगहों से लॉगआउट की कमांड दें. ऐसा करते ही सभी अन्य डिवाइस से आपका अकाउंट लॉगआउट हो जाएगा.
search history भी कर सकते हैं पता
इतना ही नहीं आप "Activity Log" के जरिए अपनी पुरानी सर्च हिस्ट्री देख और रिमूव भी कर सकते हैं. इससे आपको अंदाजा लग जाता है कहीं कोई अनजान व्यक्ति तो आपका अकाउंट उपयोग नहीं कर रहा है.
How Safe Digital Signature: कितना सुरक्षित है डिजिटल सिग्नेचर, जानें इसका महत्व और इससे जुड़ी सारी जरूरी बातें
How Safe Digital Signature: बदलते युग में डिजिटल चीज़ों का डिमांड भी तेजी से बढ़ा है।फिर चाहें डिजिटल पेमेंट हो या डिजिटल साइन।किसी भी जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर का विशेष महत्व होता है।
Digital Signature (Image: Social Media)
How Safe Digital Signature: बदलते युग में डिजिटल चीज़ों का डिमांड भी तेजी से बढ़ा है। फिर चाहें डिजिटल पेमेंट हो या डिजिटल साइन। दरअसल किसी भी जरूरी डॉक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर का विशेष महत्व होता है। हम सभी को डॉक्यूमेंट्स पर सिग्नेचर की जरूरत लगती है। बिना सिग्नेचर डॉक्यूमेंट्स को valid नहीं माना जाता है, खासकर सरकारी दस्तावेज पर। कहीं कहीं तो ई कॉमर्स साइट भी और अन्य साइट भी डिजिटल सिग्नेचर की मांग करती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये डिजिटल सिग्नेचर कितना सुरक्षित है? तो आइए जानते हैं विस्तार से डिजिटल सिग्नेचर के बारे में:
क्या है डिजिटल सिग्नेचर (What is Digital Signature)
दरअसल Digital Signature एक ऐसी तकनीक (technique) है जिससे हम किसी भी की दस्तावेज की सच्चाई जान सकते हैं। इससे हम ये पता लगा सकते हैं कि वह document कितना Authentic है और अगर किसी तरह की डॉक्यूमेंट्स में छेड़छाड़ किया गया हो तब उसे आसानी से पहचान जा सकता है। इससे electronic documents की identity के बारे में सही और पूरी जानकारी प्राप्त होती है।
बता दें Digital Signature किसी document की verify करने के लिए इस्तेमाल होता है। साफ शब्दों में कहा जाए तो डिजिटल सिग्नेचर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया गया एक हस्ताक्षर होता है जो हमारी सहमति को प्रदर्शित करता है।
डिजिटल सिग्नेचर का महत्व (Digital Signature Importance)
तेजी से बढ़ते टेक्निकल दुनिया में डिजिटल सिग्नेचर ने भी अपनी जगह बनाई है। डिजिटल सिग्नेचर का सबसे बड़ा महत्व यह है कि इसके मदद से हमें किसी भी Digital documents के बारे में पता चल सकता है कि ये असली है या नकली। आज के दौर में जहां सरकारी कार्यो का टेंडर हो या शॉपिंग, आयकर रीटर्न भरना कंपनी का पंजीकरण करना ये सभी चीजें डिजिटल होते जा रहे हैं और ऑनलाइन इंटरनेट की सहायता से किए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में Digital Signature का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है। किसी भी काम के लिए डिजिटल सिग्नेचर की सहायता से घर पर बैठे बैठे ही बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।
कितना सुरक्षित है डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature is safe)
अगर बात की जाए की डिजिटल सिग्नेचर कितना सुरक्षित है तो बता दें कि Digital Signature, Paper Signature के मुकाबले ज्यादा safe है क्योंकि Paper Signature को बड़ी आसानी से copy किया जा सकता है लेकिन Digital Signature में ऐसा कर पाना मुश्किल है। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि इसे इस्तेमाल करने के लिए आवश्यक जानकारी जैसे पासवर्ड होती है जो सिर्फ उस व्यक्ति के पास होती है, जिसके यह डिजिटल हस्ताक्षर हैं। कोई अन्य व्यक्ति जिसे इस पासवर्ड की जानकारी नहीं है, वह किसी का भी डिजिटल हस्ताक्षर नहीं कर सकता है। जिसे की इतनी आसानी से कोई भी किसी का सिग्नेचर कॉपी नहीं कर सकता है। Digital Signature में एक बार किसी डॉक्यूमेंट या दस्तावेज़ पर डिजिटल सिग्नेचर करने के बाद उस दस्तावेज़ को बदला नहीं जा सकता है और ना ही डॉक्यूमेंट्स के साथ किसी प्रकार की छेड़खानी की जा सकती है। लेकिन अगर फिर भी ऐसा होता है तो सिस्टम उसे स्वीकार नहीं करेगा। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पेपर से ज्यादा अब डिजिटल सिग्नेचर सेफ है।
FB, ट्विटर में बग ढूंढ़कर 1.30 करोड़ कमाने वाले हैकर आनंद प्रकाश से खास बातचीत
फेसबुक के लॉग इन सिस्टम में एक बग की खोज करने वाले फ्लिपकार्ट के प्रॉडक्ट सिक्यॉरिटी.
FB, ट्विटर में बग ढूंढ़कर 1.30 करोड़ कमाने वाले हैकर आनंद प्रकाश से खास बातचीत
फेसबुक के लॉग इन सिस्टम में एक बग की खोज करने वाले फ्लिपकार्ट के प्रॉडक्ट सिक्यॉरिटी इंजिनियर आनंद प्रकाश को हाल ही में फेसबुक की ओर से 15 हजार डॉलर (10 लाख रुपये) का इनाम दिया गया है। आनंद ने बताया कि यह बग कितना खतरनाक था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी मदद से कोई हैकर किसी यूजर के मेसेजेस, फोटोज और क्रेडिट/डेबिट कार्ड तक की डिटेल हासिल कर सकता था।
प्रकाश फेसबुक, ट्विटर और अन्य अमेरिकी कंपनियों की वेबसाइट्स में बग तलाश कर अब तक करीब 1 करोड़ 30 लाख रुपए कमा चुके हैं। ताजा मामला फेसबुक से जुड़ा है। प्रकाश ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि फेसबुक ने उनके द्वारा खोजे गए बग को पहचाना और उसे ठीक किया। प्रकाश ने फेसबुक की सिक्यॉरिटी टीम को 22 फरवरी को बग से जुड़ी रिपोर्ट भेजी थी। इसके बाद 2 मार्च को उन्हें फेसबुक ने इनाम देने की बात कही थी। अब प्रकाश को इनाम की यह रकम मिल चुकी है।
हमारे सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए ईमेल इंटरव्यू में उन्होंने अपने इस पेशे से जुड़ी बातें कीं। उनकी इस बातचीत के कुछ अंश-
सबसे पहले तो आपको मुबारकबाद। क्या आप पेशेवर बाउंटी हंटर (इनाम के लिए काम करने वाले) हैं? आपके दिमाग में कहां से ऐसा आइडिया आया?
शुक्रिया। नहीं, मैं कोई पेशेवर नहीं हूं। मैंने बग ढूंढ़ने का यह काम 2013 में मेरा बीटेक पूरा होते ही शुरू कर दिया था और सबसे रोचक बात है कि यह एक नेटवर्क ऑपरेटर द्वारा दिए गए फ्री इंटरनेट की वजह से संभव हो पाया। यह काफी रोमांचक क्षेत्र है।
आपने फेसबुक में यह सिक्यॉरिटी लीक कैसे पहचाना? क्या इस तरह की वेबसाइट्स को आप अक्सर सिक्यॉरिटी लीक चेक करने के लिए देखते रहते हैं?
मैं फेसबुक को अक्सर बग ढूंढ़ने के लिए चेक करता रहता हूं। हां, आमतौर पर मैं हमेशा इस तरह की वेबसाइट्स को बग ढूंढ़ने के लिए चेक किया करता हूं।
आपने फेसबुक में 90 और ट्विटर में करीब 30 बग खोज निकाले हैं? यह छोटा आंकड़ा नहीं है, क्या आप रेग्युलर बेसिस पर फेसबुक और ट्विटर के सिस्टम में इन कमियों को ढूंढ़ते रहना चाहते हैं?
हां, मैं फेसबुक और ट्विटर पर अक्सर इन बग्स को ढूंढ़ा करता हूं। हाल ही में मैंने एफबी के जिस बग को ढूंढ़ा उसकी मदद से मैं करोड़ों लोगों के अकाउंट हैक कर सकता था, लेकिन मैंने ऐसा कभी नहीं कर सकता। मैं इंटरनेट को सभी के लिए सेफ बनाने में विश्वास रखता हूं।
आप फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइट्स की ही मदद क्यों करना चाहते हैं? क्या ये महज उत्सुकता है, पेशेवर जुनून है या फिर इसके जरिए आप इनाम पाने की ख्वाहिश रखते हैं?
यह काफी हद तक डेटा सिक्यॉरिटी का मसला है। फेसबुक और ट्विटर पर करोड़ों-अरबों ऐक्टिव यूज़र्स हैं। इसलिए यह इनाम पाने की इच्छा रखने से ज्यादा इन प्लैटफॉर्म्स को सुरक्षित बनाना है।
क्या आप अभी तक मार्क जकरबर्ग या जैक डॉर्सी से पर्सनली मिले हैं?
नहीं, अभी तक तो नहीं। लेकिन हां मिलना जरूर चाहूंगा।
अभी तक आपने बग ढूंढ़ने से कितना कमाया है?
अभी तक मैंने करीब 1 करोड़ 30 लाख कमाए हैं। आगे मैं अपनी खुद की कोई कंपनी शुरू करना चाहूंगा, जो न सिर्फ साइबर सिक्यॉरिटी कंसल्टेंसी के तौर पर काम करेगी, बल्कि उसका मकसद देश की कंपनियों के सिस्टम को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाना होगा।
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