लंबे समय के लिए पैसे लगाना ज्यादा लाभकारी है: शेयर बाजार में निवेश करते हुए कई अक्सर छोटे निवेशक पैसे लगाते हुए बहुत घबराते हैं. उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव में पैसे डूब जाने का खतरा रहता है. ऐसे में वे अक्सर बहुत थोड़े समय के लिए शेयर होल्डिंग अवधि पैसे लगाते हैं. कई छोटे निवेशक तो सुबह पैसे लगाते हैं और शाम को बेच देते हैं. यह गलत है. यह आपको बड़ा मुनाफा शेयर होल्डिंग अवधि कमाने में सबसे बड़ा रोड़ा है. अधिकांश छोटे निवेशक सुबह में शेयर खरीदते हैं और शाम तक उसकी बढ़ी हुई कीमत का लाभ लेकर उसे बेच देते हैं. इस तरह आप अपने निवेश पर छोटा लाभ जरूर कमा सकते हैं पर बड़े लाभ के लिए आपको निवेश की शेयर होल्डिंग अवधि अवधि लंबी करनी करनी होगी.

Top Losers

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सितंबर तिमाही में DII की होल्डिंग 3 साल के हाई पर, जानिए क्या रहा FII का रुझान

DII holdings - बाजार में बढ़ती संभावनाओं और घरेलू पैसे के इक्विटी मार्केट की तरफ बढ़ते इक्विटी मार्केट के प्रवाह से साफ होता है कि ग्लोबल अनिश्चितता और वौलेटिलिटी के दबाव के चलते आई बिकवाली का सबसे फायदा डीआईआई ने उठाया है

सितंबर तिमाही में बीएसई500 इंडेक्स में शामिल कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशको (DII)की होल्डिंग पिछले 12 महीनों के हाई पर रही है।

DII holdings at 3-year high in Stock Markets- सितंबर तिमाही में बीएसई500 इंडेक्स में शामिल कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII)की होल्डिंग पिछले 12 महीनों के हाई पर रही है। यह भारतीय बाजार में रिटेल निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत है। इसी अवधि में इन कंपनियों में प्रमोटरों को होल्डिंग पिछले 3 तिमाहियों के निम्नतम स्तर पर रही। वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी में पिछली तिमाही की तुलना में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है। बीएसई 500 में शामिल 391 कंपनियों के शेयर होल्डिंग पैटर्न के विश्लेषण से पता चलता है कि इन कंपनियों में डीआईआई की होल्डिंग सितंबर तिमाही में 11.14 फीसदी थी। जो कि सितंबर 2019 के बाद का सबसे बड़ा आकंड़ा है।

Mehta Equities के प्रशांत तापसे का कहना है कि कोविड के बाद हमको फिजिकल से फाइनेंशियल की तरफ बहुत तेजी से अलोकेशन शिफ्ट होता नजर आया है। इन फाइनेंशियल एसेट में म्यूचुअल फंड और इक्विटी जैसे निवेश विकल्प शामिल है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा मानना है कि भारतीय इक्विटी बाजार दूसरे बाजारों की तुलना ज्यादा बेहतर है। पिछले कुछ सालों के दौरान डीमैट अकाउंट की संख्या में हुई गुणात्मक बढ़ोतरी और म्यूचुअल फंड के एयूएम में भारी बढ़ोतरी से इस बात के प्रमाण मिलते है। बाजार में बढ़ती संभावनाओं और घरेलू पैसे के इक्विटी मार्केट की तरफ बढ़ते इक्विटी मार्केट के प्रवाह से साफ होता है कि ग्लोबल अनिश्चितता और वौलेटिलिटी के दबाव के चलते आई बिकवाली का सबसे फायदा डीआईआई ने उठाया है।

शेयर होल्डिंग अवधि

KFin Technologies Ltd. (KFin)
यूनिट: बजाज फिनसर्व लिमिटेड
सेलेनियम टावर बी, प्लॉट 31 & 32,
फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट, नानकरामगुड़ा, सेरीलिंगमपल्ली मंडल,
हैदराबाद - 500 032, तेलंगाना

संपर्क किया जाने वाला व्यक्ति:
श्री मोहम्मद मोहसिनुद्दीन
श्री नागेश गोवु

टोल फ्री नंबर.: 1800-309-4001

(KPRISM) - सदस्य कृपया ध्यान दें कि हमारे रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट ने हमारे इन्वेस्टर्स के लिए एक नया मोबाइल एप्लीकेशन - KPRISM और एक नई वेबसाइट लॉन्च की है. अब आप यह मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और KFINTECH द्वारा सर्विस किए जाने वाले अपने पोर्टफोलियो देख सकते हैं. इसके माध्यम से डिविडेंड स्टेटस चेक करें, वार्षिक रिपोर्ट के लिए अनुरोध करें, एड्रेस में बदलाव करें, बैंक मैंडेट बदलें/अपडेट करें और स्टैंडर्ड फॉर्म डाउनलोड करें. वेबसाइट और/या एंड्रॉयड मोबाइल ऐप पर उपलब्ध सभी सुविधाओं का उपयोग करने के लिए केवल एक बार रजिस्टर करें.

Play Store (Android मोबाइल एप्लीकेशन)

कंपनी सचिव और अनुपालन अधिकारी

सुश्री उमा शेंडे
कंपनी सचिव और अनुपालन अधिकारी:
ईमेल ID: [email protected]

इन्वेस्टर शिकायत निवारण/सामान्य

इन्वेस्टर और शेयरधारक कंपनी के साथ यहां संपर्क कर सकते हैं
निम्नलिखित पता:
रजिस्टर्ड ऑफिस: बजाज ऑटो लिमिटेड. कॉम्प्लेक्स, मुंबई-पुणे रोड, आकुर्दी,
पुणे 411 035.
फोन: (020) 66107458, (020) 27472851

संपर्क करें:
सुश्री उमा शेंडे
कंपनी सचिव और अनुपालन अधिकारी:
ईमेल आईडी: [email protected]

IEPF के प्रयोजन के लिए नोडल अधिकारी

इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड अथॉरिटी (अकाउंटिंग, ऑडिट, ट्रांसफर और रिफंड) के अंतर्गत नियम 7(2ए) के अनुसार
नोडल अधिकारी की संपर्क जानकारी (2017 में किए गए दूसरे संशोधन के नियमों के अनुसार)

संपर्क शेयर होल्डिंग अवधि करें:
सुश्री उमा शेंडे
कंपनी सचिव और अनुपालन अधिकारी
ईमेल: [email protected]

निवेश की पाठशाला: स्टॉक खरीदने से पहले कैसे करें होमवर्क, किन बातों का रखें ध्यान? जानिए जरूरी बातें

शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले निवेश की रणनीति बनाएं

Share Market: जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 15, 2022, 11:55 IST

हाइलाइट्स

स्टॉक खरीदने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस जरूर करें.
विभिन्न लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश की अवधि तय करें.
बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन और बड़े निवेशकों की हिस्सेदारी के बारे में पता लगाएं.

मुंबई. शेयर बाजार में पैसा बनाना आसान है लेकिन बिना जानकारी के भारी आर्थिक नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है. जब भी आप निवेश के उद्देश्य से स्टॉक खरीदने का निर्णय लेते हैं, तो इससे पहले होमवर्क जरूर करें. क्योंकि आप अपनी मेहनत की कमाई को बाजार में निवेश कर रहे हैं. किसी भी कंपनी का स्टॉक खरीदने के लिए दो तरह के एनालिसिस करने होते हैं. पहला फंडामेंटल और दूसरा टेक्निकल एनालिसिस होता है. फंडामेंटल में कंपनी के बिजनेस और प्रॉफिट समेत कई पहलुओं का अध्ययन शेयर होल्डिंग अवधि किया जाता है. वहीं, टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक के प्राइस को देखकर बाय और सेल की रणनीति बनाई जाती है.

जब भी आप कोई स्टॉक खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के शेयरधारक बन जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि एक निवेशक के रूप में आपको उचित विश्लेषण करना चाहिए. किसी भी शेयर को खरीदने से आपको कुछ अहम बातों को ध्यान में रखना चाहिए.

निवेश की अवधि
शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने से पहले आपको अपने निवेश की अवधि तय करनी होगी. आप कम, मध्यम और लंबी अवधि के लिए किसी भी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं. हालांकि, यह अवधि आपके आर्थिक लक्ष्यों पर निर्भर करती है. ज्यादातर लंबी अवधि का निवेश स्टॉक मार्केट में बेहतर रिटर्न देता है. यह अवधि 5 से 10 साल तक हो सकती है.

कंपनी के फंडामेंटल चेक करें
हर निवेशक को शेयर खरीदने से पहले फंडामेंटल चेक कर लेना चाहिए. इसमें कंपनी का कारोबार और उसकी ग्रोथ के बारे में जानें. आखिर कंपनी क्या बिजनेस करती है और भविष्य में इस बिजनेस को लेकर क्या संभवानाएं हैं. वहीं, कंपनी इस सेक्टर में अपनी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले कहां खड़ी है.

कंपनी के प्रोमोटर कौन हैं और उन्हें कंपनी के बिजनेस मॉडल को लेकर कितना अनुभव है. इसके अलावा कंपनी का शेयर होल्डिंग पैटर्न का अध्ययन भी करना चाहिए कि आखिर कंपनी में प्रोमोटर, रिटेल निवेशक और घरेलू व विदेशी संस्थागत निवेशकों की कितनी हिस्सेदारी है. माना जाता है कि कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न में विभिन्नता होनी चाहिए और ऐसे ही कंपनी के शेयर खरीदना चाहिए.

बीते सालों में स्टॉक का प्रदर्शन
किसी भी शेयर को खरीदने से पहले निवेशक को यह भी देखना चाहिए कि समकक्ष कंपनियों के शेयर की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न प्लेटफॉर्म की मदद से आप यह तुलना कर सकते हैं. इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस बहुत करना जरूरी हो जाता है.

टेक्निकल एनालिसिस में शेयर शेयर होल्डिंग अवधि के चार्ट की स्टडी करके हर रोज, साप्ताहिक और मासिक अवधि में स्टॉक के भाव में होने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में पता लगाया जाता है. इसके जरिए आप शेयर के भाव की एक रेंज के बारे में जान सकते हैं कि विभिन्न अवधि में यह शेयर किसी भाव के आसपास रहता है. स्टॉक का प्राइस कहां सपोर्ट बनाता है और कहां रजिस्टेंस बनाता है. इस आधार पर किसी भी शेयर को सही कीमत पर खरीद सकते हैं और अच्छा रिटर्न मिलने पर बेच सकते हैं.

म्यूचुअल फंड और अन्य बड़े निवेशकों की खरीदी
हर रिटेल इन्वेस्टर किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले यह जानना चाहता है कि बड़े निवेशक जैसे- म्यूचुअल फंड हाउस, विदेशी संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी कितनी है. दरअसल बड़े निवेशक किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले बहुत अध्ययन करते हैं इसलिए आम निवेशक को लगता है कि म्यूचुअल फंड द्वारा खरीदे गए शेयर निवेश के लिए ज्यादा सही और बेहतर होते हैं.

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शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

शेयर बाजार में निवेश करना और लाभ कमाना हर कोई चाहता है पर इसमें निवेश के नियमों और सावधानियों के बारे में सही जानकारी न होने के कारण अधिकांश या तो पैसे लगाते नहीं या लगाते भी हैं तो बहुत थोड़े वक्त के लिए. शेयर बाजार निवेशकों के लाभ कमाने की एक बहुत अच्छी जगह है पर निवेश करते हुए अगर कुछ सावधनियां अपनाई जाएं तो यह नुकसान के खतरे को दूर रखते हुए बहुत लाभकारी हो सकता है. यहां छोटे निवेशकों के लिए शेयर में निवेश के कुछ लाभकारी टिप्स दिए जा रहे हैं:

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लंबे समय के लिए पैसे लगाना ज्यादा लाभकारी है: शेयर बाजार में निवेश करते हुए कई अक्सर छोटे निवेशक पैसे लगाते हुए बहुत घबराते हैं. उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव में पैसे डूब जाने का खतरा रहता है. ऐसे में वे अक्सर बहुत थोड़े समय के लिए पैसे लगाते हैं. कई छोटे निवेशक तो सुबह पैसे लगाते हैं और शाम को बेच देते हैं. यह गलत है. यह आपको बड़ा मुनाफा कमाने में सबसे बड़ा रोड़ा है. अधिकांश छोटे निवेशक सुबह में शेयर खरीदते हैं और शाम तक उसकी बढ़ी हुई कीमत का लाभ लेकर उसे बेच देते हैं. इस तरह आप अपने निवेश पर छोटा लाभ जरूर कमा सकते हैं पर बड़े लाभ के लिए आपको निवेश की अवधि लंबी करनी करनी होगी.

मि. गुप्ता ने 10 हजार की इंफोसिस और विप्रो की शेयर सोमवार सुबह खरीदी. शाम होते-होते शेयर की कीमत 14 हजार के करीब देखकर 4 हजार के लाभ के साथ बेच दिया. दूसरे दिन उन्होंने उस 14 हजार के शेयर खरीदे और शाम में 20 हजार पर बेच दिए. इसी तरह मि. गुप्ता अपने शेयर लाभ के साथ खुश थे. मिले हुए प्रॉफिट को भी शेयर में लगाकर वे उससे और भी ज्यादा प्रॉफिट कमा रहे थे. इसी तरह 7 दिनों में उन्होंने 10 हजार से एक लाख की राशि बनाई जिसे ज्यादा लाभ के शेयर होल्डिंग अवधि लिए वापस शेयर में लगा दिया. अचानक शनिवार की शाम उन्हें शॉक दे गया, उनकी 1 लाख की पूंजी डूब चुकी थी. मि. गुप्ता रोज सुबह अपनी बढ़ी हुई रकम से कम मूल्य वाले शेयर खरीद लिया करते थे और शाम में जो भी लाभ मिलता वह उसे लाभ मानकर, उसे बेचकर फिर दूसरी कम कीमत की ज्यादा शेयर खरीद सकते थे. लेकिन उस दिन उनका गणित उल्टा पड़ गया. वास्तव में मि. गुप्ता शेयर होल्डिंग अवधि को अपने शेयर को लंबे समय के लिए रखना चाहिए था. अगर ऐसा करते तो कंपनी की बढ़ती शेयर कीमतों के साथ उनके शेयर की कीमत भी बढ़ती. अगर बीच में कभी शेयर मूल्य गिरते भी तो भी कुछ बाद वे बढ़ भी जाते. इस तरह लंबे शेयर होल्डिंग अवधि समय के लिए निवेश कर वे इस रोज-रोज के मानसिक व्यायाम से भी बच जाते और आज इस परेशानी में भी नहीं पड़ते.

वही पैसा लगाएं जिसका लंबे समय तक आपको काम न हो: कई बार देखा जाता है कि निवेशक अपने जरूरी खर्चों के लिए उपयोग की राशि को शेयर में लगा देते हैं. ऐसे में वे न तो इसे लंबे समय तक इसमें लगाकर रख सकते हैं और न ही इसमें होने वाले नुकसान को वहन कर सकते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए शेयर में निवेश बहुत खतरे वाला सौदा होता है. अगर लाभ हुआ तब तो ठीक, पर नुकसान की स्थिति इनके लिए मानसिक और आर्थिक अशांति लाने वाला साबित होता है. इसलिए निवेशक कभी भी जरूरत के पैसों को न लगाएं. ऐसे पैसे लगाएं जिन्हें हानि-लाभ की चिंता न करते हुए आप बाजार में लगाकर रख सकें.

तुक्का न लगाएं, ट्रेडिंग कोई जुआ नहीं है: कई छोटे निवेशक शेयर को तुक्का का खेल समझते हैं, जबकि ठीक उलट शेयर एक रणनीति की मांग करता है. आप किस कंपनी का शेयर खरीद रहे हैं, उसकी मार्केट में स्थिति कैसी है, पिछले कुछ समय से उसकी शेयर बाजार शेयर होल्डिंग अवधि में क्या स्थिति रही है आदि की जानकारियां एक निवेशक को होनी चाहिए. सिर्फ कम कीमत देखकर जुए के खेल की तरह शेयर खरीदना और उससे लाभ की उम्मीद लगाना कुछ समय तक आपको लाभ दे सकता है. पर बाजार की अनदेखी और जानकारी के अभाव में ज्यादा दिन तक यह तुक्का कामयाब नहीं हो सकता. इसका नतीजा होगा शेयर निवेश में घाटा. अत: कभी भी शेयर खरीदने से पहले जिस कंपनी के शेयर खरीदने जा रहे हैं, बाजर में उसकी वर्तमान और पूर्व में उसके शेयरों की स्थिति का जरूर अध्ययन करें.

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जब ट्रेडिंग के लिए प्रोफेशनल हायर करें: कई निवेशक जानकारी या समय के अभाव में ट्रेडिंग के प्रोफेशनल्स की सुविधा लेते हैं. बाजार में बहुतायत ऐसे शेयर प्रोफेशनल्स मिल जाएंगे जो आपके पैसों को सही जगह निवेश करने की सेवा देते हैं और उसके बदले आप उन्हें कुछ फीस देते हैं. पर कई मामलों में देखा जाता है कि शेयर प्रोफेशनल्स निवेशकों की जानकारी और जागरुकता के अभाव में फायदा उठाते हैं. निवेशकों का पैसा वे अपने फायदे के लिए कई जगहों पर लगा देते हैं. निवेशक को जहां 1 लाख का लाभ होता, वहां वे केवल 40 हजार का लाभ दिखा देते हैं. इसलिए बहुत जरूरी है कि ट्रेडिंग प्रोफेशनल्स को हायर कर आप निश्चिंत न हो जाएं. वे आपका पैसा कहां लगा रहे हैं, जिस कंपनी में आपका निवेश कर रहे हैं वह कंपनी कैसी है, बाजार में उसकी स्थिति कैसी है, बाजार के वर्तमान हालात क्या हैं यह सब पता करते रहें. इस तरह वे आपसे झूठ नहीं बोल पाएंगे.

ये सब कुछ बहुत ही जरूरी तथ्य हैं जो हर निवेशक को ध्यान रखना चाहिए, खासकर छोटे निवेशकों को. पर इसके अलावे भी कई ऐसी बातें हैं जो शेयर निवेशकों के लिए अति आवश्यक हैं. जैसे: शेयर के कुछ प्रोफेशनल्स टर्म्स की आपको जानकारी होनी चाहिए. शेयर बाजार आधार क्या है, यह कैसे काम करता है? शेयरों की खरीद-बिक्री के कुछ आधिकारिक नियम, बैलेंस-शीट देखने की प्रक्रिया आदि की जानकारी निवेशकों को रखनी चाहिए.

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